करेला क्या है

करेला एक बहुत ही लाभदायक फल है

जिसका उपयोग सब्जी बनाने में किया जाता है

करेला में कई ऐसे तत्व मौजूद हैं जिसे कई तरह की बीमारियों के लिए दवा के रूप में भी प्रयोग कर सकते हैं

खनिज लवणों, विटामिंस ,फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर करेला होता है

इसका स्वाद कड़वा होता है करेले का को कड़वा तरबूज के रूप में भी जाना जाता है



उत्पत्ति और उपलब्धता

करेला Momordica charantia विदेशी नस्ल का एक उष्णकटिबंधीय लता है

जिसे एशिया और कैरेबियाई क्षेत्रों में फल के लिए व्यापक रूप से उगाया जाता है

इसकी उत्पत्ति भारत में हुई थी चौदहवीं शताब्दी में यह चीन में आरंभ हुआ

पूर्वी एशिया दक्षिण एशिया दक्षिण पूर्व एशिया में व्यंजनों के रूप में इसका व्यापक उपयोग किया जाता है

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करेला का उपयोग

करेला का सबसे बड़ा उपयोग डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए बहुतायत होता है

करेला में एक इंसुलिन जैसा योगिक होता है जिसे पॉलिपेप्टाइड पी कहते हैं

जो स्वाभाविक रूप से डायबिटीज को नियंत्रित करने में सक्षम होता है

यह टाइप वन डायबिटीज में समान रूप से होता है

करेला का जूस ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करता है

टाइप टू डायबिटीज में ज्यादा लाभदायक होता है एवं पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में सक्षम है

अस्थमा और दमा की शिकायत में भी यह काम करता है

करेले का जूस पीने से लीवर ढंग से काम करता है और लीवर की सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है

करेले की पत्तियों में अद्भुत गुण है इसके पत्तियों को उबालकर पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में बहुत वृद्धि होती है

खून साफ करने के लिए इसका प्रयोग बहुत ही लाभदायक है

गठिया या हाथ पैरों में जलन होने पर इसके रस की मालिश अभूतपूर्व फलदायक है





किडनी की समस्या वालों को करेले का पानी अवश्य प्रयोग करना चाहिए

हृदय संबंधी समस्याओं से ग्रसित लोगों को इसका सेवन करना चाहिए

कैंसर में अत्यंत लाभदायक है एचआईवी एड्स के उपचार में भी काम आता है




त्वचा रोग या कील मुंहासे होने पर नींबू और करेले के जूस की बराबर मात्रा लेकर उपयोग करें तो त्वचा की समस्या नहीं रहेगी

करेला कैसे काम करता है

करेला में 113 मिलीग्राम सोडियम 2 मिलीग्राम 7 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 3 पॉइंट ग्राम प्रोटीन और कैलोरी होती है

भरपूर मात्रा में विटामिन ए बी और सी होता है

जिंक पोटेशियम कैरोटीन beta-carotene आयरन ग्लूटीन मैग्नीशियम और मैग्नीज ऐसे पदार्थ करेले में होते हैं

इसमें पाया पाया जाने वाला फास्फोरस का और कब्ज दूर करने में सहायक होता है

करेले में एंटीफंगल, एंटीबायोटिक , एंटी एलर्जी , एंटीवायरल और एंटीपैरासाइटिक गुण पाए जाते हैं




सुरक्षा एवं साइड इफेक्ट

वैसे तो करेला का सेवन सभी के लिए सुरक्षित है

परंतु हाल के शोध से यह पता चला है कि गर्भवती महिलाओं को इस का सेवन नहीं करना चाहिए

करेले में पाया जाने वाला मोमोकिरिन तत्वों से गर्भपात का खतरा हो सकता है

डायबिटीज के मरीज को करेले का सेवन अपने चिकित्सक की देखरेख में करना चाहिए

अत्यधिक सेवन से शुगर लेवल अत्यधिक गिर जाने की संभावना बनी रहती है

लीवर की बीमारियों वाले लोगों को डॉक्टर से सलाह मशवरा करने के बाद ही इसका सेवन करना चाहिए

अनुपात से कम या ज्यादा करेले का सेवन हितकारी नहीं है

पेट में दर्द

सिरदर्द

लो ब्लड शुगर

दिल संबंधी परेशानी

किडनी संबंधी परेशानी




इसके अलावा कुछ अन्य साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं

अपने चिकित्सक या हर्बल विशेषज्ञ की सलाह के बगैर कुछ भी ना करें तो अच्छा होगा

करेले का सेवन इन रूपों में किया जा सकता है

आहार अथवा सब्जी के रूप में

जूस के रूप में

सप्लीमेंट के रूप में

कच्चे रूप में

टेबलेट ,कैप्सूल ,दवा के रूप में

करेला का फर्क होता है

पाचन क्रिया में सुधार करता है

गठिया रोग मधुमेह में लाभकारी होता है

वजन करने में सहायक होता है

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इस ब्लॉग में आपने पढ़ा की करेले से क्या फायदा और नुकसान है ,उम्मीद है की आप इसका अवश्य ही लाभ उठा पाएंगे

Disclaimer -;

,जानकारी देने के उद्देश्य से यह जानकारी दी गयी है ,किसी भी तरह का प्रयोग करने के पहले अपने डॉक्टर या हर्बल विशेषज्ञ से सलाह अवश्य ले लें ,मेरा यह ब्लॉग किसी प्रकार की चिकित्सा नहीं करता है ,न ही किसी प्रकार की औषधि की परामर्श देता है ,अपने विवेक के अनुसार निर्णय लें ,कोई भी किसी तरह का दायित्वा हमारा नहीं होगा

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