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जामुन BLACKBERRY एक दिव्य औषधीय फल ,प्रयोग एवं सावधानी







 जामुन का परिचय INTRODUCTION OF BLACKBERRY


जामुन एक सदाबहार किस्म के वृक्ष का फल है यह बैगनी काले रंग का होता है इसके वृक्ष भारत , दक्षिण एशिया एवं

अन्य देशों जैसे, इंडोनेशिया ,पाकिस्तान ,ब्राजील, सूरीनाम, श्रीलंका, म्यानमार, अफगानिस्तान, फ्लोरिडा इत्यादि में पाया

जाता है इसका स्वाद कसैला एवं मीठा होता है अतः इसे नमक के बिना खाना मुश्किल होता है

इसे विभिन्न नामों से बुलाया जाता है जैसे जामुन, काला जामुन, जमाली, राजमान, ब्लैकबेरी इत्यादि

जामुन का फल प्रायः 70% खाने योग्य होता है शेष 30% अंश गुठली के रूप में रहती है

 भारत में इसकी उपलब्धता बहुतयात शायद इसी कारण प्राचीन भारत को जंबू दीप जम्मू यानी जामुन का द्वीप कहा


जाता था पुराणों में भी इस फल का वर्णन मिलता है


 ईश्वर के बाद हिंदू धर्म में प्रकृति को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बताया गया है क्योंकि प्रकृति में सब कुछ व्याप्त है जो मानव


जीवन को सुखी एवं स्वस्थ रख सकता है


यही कारण है कि शास्त्रों में लिखा है कि प्रत्येक मनुष्य को अपने घर के आस-पास एक पीपल, एक नीम, तीन बेल, तीन


आंवला, 5 आम और 5 जामुन के पेड़ अवश्य लगाने चाहिए इसके फलों , फूलों, छालों एवं लकड़ी का उपयोग कर


हम अपने जीवन में प्रयोग कर निरोग रह सकते हैं इसी कारण यह सभी वृक्ष पूजनीय कहा जाते हैं


जामुन का पेड़ पहले हर घर के आंगन में होता था लेकिन अब तो आंगन की जगह फ्लैट और अपार्टमेंट बनने लगे और


जामुन के पेड़ अदृश्य हो गए हैं खैर,


 जामुन का फल और इसकी गुठली असाधारण रूप से रक्त शर्करा की अधिकता को नियंत्रित करने की अद्भुत क्षमता


रखती है औसतन एक 100 ग्राम में 62 मिलीग्राम कैलोरी ऊर्जा होती है लोहा होता है 18 मिलीग्राम विटामिन सी होता है


48 माइक्रोग्राम कैरोटिन होता है 55 मिलीग्राम पोटैसियम होता है और 25 मिलीग्राम सोडियम पाया जाता है


दरअसल जामुन गुणों का भंडार है इसमें विटामिन बी और आयरन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है एनीमिया यानी खून की


कमी के मरीज को दूर करने में रक्त में हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए जामुन का सेवन लाभप्रद है


अपने औषधीय गुणों के कारण इसके पत्ते, छाल, बीज वगैरह सभी से औषधि बनती है


होम्योपैथिक में तो इसका मदर टिंचर भी उपलब्ध है जो कि SYZYGIUM JAMBOLA नाम से मशहूर है और इसे


फास्टिंग ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए व्यवहार किया जाता है


 जामुन की पत्ती में MYRILYN नामक यौगिक में ब्लड शुगर लेवल को कम करने की अपार क्षमता है


चार-पांच पत्तियां प्रतिदिन पीसकर पीने से शुगर लेवल कम हो जाता है


 जामुन की पत्ती में माय रिले नामक यौगिक में ब्लड शुगर लेवल को कम करने की अपार क्षमता है


चार-पांच पत्तियां प्रतिदिन पीसकर पीने से शुगर लेवल कम हो जाता है


यूनानी और चीनी दबाव में किसका प्रयोग किया जाता है इससे वाइन और सिरका भी बनाया जाता है


 जामुन में प्रचुर मात्रा में पोटेशियम कैरोटीन फोलिक एसिड फास्फोरस कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन कैल्शियम आयरन विटामिन


और फाइबर पाए जाते हैं जामुन में GLUCOSE और FRACTOSE पाया जाता है


 जामुन के बीज में अल्कलॉइड होते हैं जो शुगर को स्टार्ट में बदलने से रोकते हैं इसलिए यह आपके ब्लड शुगर लेवल को


कंट्रोल करने में मदद करता है  


जामुन के बीज में FLEVONOID नामक एंटीऑक्सीडेंट होता है जो शरीर को DETOX करता है


जामुन एक ऐसा फल है जिसका काफी अधिक फायदा डायबिटीज के रोगी को मिलता है या रक्त के अंदर शक्कर की मात्रा


को कंट्रोल करता है डायबिटीज के मरीज को तो जामुन का लगातार सेवन करना चाहिए मधुमेह के रोगी को रोजाना 100


से 200 ग्राम जामुन का सेवन करना चाहिए जामुन की गुठली ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सक्षम होती है एक सौ ग्राम


गुठली को पीसकर पाउडर बना लें उसका रोजाना सेवन करने से मधुमेह पूरी तरह से खत्म हो जाता है



जामुन की प्रजातियां


 सामान्यतः इस की 5 प्रजातियां पाई जाती है

 

1 .  काला जामुन >>>>>SYZYGIUM CUMINI


2 . सफेद जामुन>>>>> SYZYGIUM JAMBOS


3 . कट जामुन >>>>>> SYZYGIUM OPERACULATUM


4 . भूमि जामुन >>>>>> SYZYGIUM ZEYLANICUM


5 . पुत्र जामुन >>>>>> EUGANIA HEYEANAWALL


 जामुन का अन्य भाषाओं में नाम


 इसका वानस्पतिक नाम SYZYGIUM CUMINI है और यह MYRTACEAE परिवार का पौधा है


जामुन को संसार में अन्य नामों से इस प्रकार का जाता है


 हिंदी में जामुन, काला जामुन, राज जामुन


 इंग्लिश में ब्लैकबेरी ब्लैकप्लम जंबोलन Plum


  उर्दू में जामन

संस्कृत में राज जंबू, महाफला, महाजम्बू, जम्बू, फलेन्द्र


  असमिया में जम्मू


  ओडिया में जमो, भुतोजामो, जामोकोली


 तमिल में नवल संबल


  तेलुगु में नीरेडू जम्बुवू


 मलयालम में नवल पेरिनियल


  कन्नड़ में जम्मूनिराले नाराला


 गुजराती में जम्बू झम्बुदी


 बंगाली में जाम काला जाम


  मराठी में जाम्बूल, जामन , राजाजम्बूल


 पंजाबी में जामुल







जामुन के औषधीय गुण और इसकी उपयोगिता


  मधुमेह में या डायबिटीज में प्रबल लाभकारी है


कील मुंहासे दूर करने में सहायक


  त्वचा और आंखों के लिए जामुन फायदेमंद


  आंख की बीमारी में जामुन से लाभ


  मोतियाबिंद में जामुन के फायदे


  कान के रोग में लाभदायक


  दांतो के दर्द एवं मसूड़ों में दर्द में फायदेमंद


 मुंह के छाले में जामुन के पत्रों की उपयोगिता


पेचिश में जामुन का प्रयोग और लाभ


  उल्टी में राहत दिलाएं


 बवासीर या पाइल्स के दर्द में लाभदायक


  लिवर की बीमारी में लाभकारी


 किडनी स्टोन को दूर करने में सहायक सिफलिस रोग में जामुन के लाभ 


पथरी किडनी स्टोन का इलाज जामुन से


  सिफलिस रोग में जामुन के लाभ दाद खुजली दूर करने में सहायक


  घटिया से आराम दिलाए जामुन


 नाक कान आदि रोगों से खून बहने की समस्या


 पशुओं के काटने पर हुए घाव में फायदेमंद


  पीलिया में जामुन के फायदे


जामुन डायबिटीज में अभूतपूर्व लाभकारी


जामुन मंदाग्भूनि भूख ना लगने पर








जामुन डायबिटीज में अभूतपूर्व लाभकारी


जामुन एक ऐसा फल है जिसका काफी अधिक फायदा डायबिटीज के रोगी को मिलता है या रक्त के अंदर शक्कर की मात्रा


को कंट्रोल करता है डायबिटीज के मरीज को तो जामुन का लगातार सेवन करना चाहिए क्योंकि है उसके लिए काफी


फायदेमंद होता है मधुमेह के रोगी को रोजाना एक सौ से 200 ग्राम जामुन का सेवन करना चाहिए जामुन की गुठली ब्लड


प्रेशर को नियंत्रित करने में सक्षम होती है एक सौ ग्राम गुठली को पीसकर पाउडर बना लें उसका रोजाना सेवन करने से


मधुमेह पूरी तरह से खत्म हो जाता है




आयुर्वेद में जामुन को मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए सबसे ज्यादा जाना जाता है


मधुमेह डायबिटीज में विशेषकर जामुन की गुठली का प्रयोग किया जाता है जामुन की गुठली में अल्कलाइन होता है जो


स्टार्स को शुगर में बदलने से रोकता है रोकता है


 बड़े आकार के जामुन के फल को धोकर धूप में सुखा लें और इसे पीसकर चूर्ण बना लें दिन में रोजाना तीन बार लेने से


मधुमेह रोग में लाभ मिलता है


 250 ग्राम जामुन के पके फलों को 500 ग्राम पानी में डालकर उबालें जब पानी ढाई सौ 300 ग्राम रह जाए तब इसे ठंडा


कर मसलकर छान लें इसे रोज तीन बार पीने से ना केवल रक्त शर्करा का लेवल कम हो जाएगा बल्कि धातु रोग की


समस्या से भी छुटकारा मिलेगा


 जामुन के बीज को धूप में सुखाकर चूर्ण बना लें प्रतिदिन तीन बार लेने से बहुत अधिक बड़े हुए शुगर लेवल सामान्य अवस्था


में आ जाएंगे


 जिन लोगों को पेशाब में शर्करा की मात्रा जाती है जहां पेशाब करते हैं चीटियां लग जाती हैं उन्हें जामुन की छाल को


जलाकर राख बना लें रोजाना 2 ग्राम राका से 1 दिन में तीन बार करें पेशाब में शुगर की मात्रा काफी कम हो जाएगी






 जामुन पथरी में लाभकारी



 पथरिया किडनी स्टोन होने पर जामुन के पके फलों को रोजाना एक सौ दो सौ ग्राम सेवन करना चाहिए इससे पथरी स्वता


गर्ल कसाब के रास्ते से निकल जाएगी


 कहा जाता है कि जामुन में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो बाल को भी जला देते हैं तो पथरी किडनी स्टोन की क्या औकात है


 जामुन के 10 मिलीलीटर रस में लड़ाई 100 मिलीग्राम सेंधा नमक मिलाकर लगातार कुछ दिनों तक दिन में दो से तीन बार


सेवन करने से पथरी निकल जाती है





 जामुन के 10 से 15 कोमल पत्तों को पीसकर पेस्ट बना लें फिर इसमें काली मिर्च का पाउडर मिला लें इसे दिन में दो से


तीन बार सेवन करें या पथरी का बहुत ही उपयोगी और कारगर नुस्खा है


 यदि किसी व्यक्ति को पथरी की शिकायत है तो उसे जामुन की गुठली के पाउडर को दही के साथ लेने से पथरी की समस्या


दूर हो जाती है






 


 कील मुहांसों के लिए लाभदायक



 जामुन का रस का उपयोग मुहांसों के तकलीफ को दूर करने में किया जाता है जामुनिया इसके पत्तों का रस लगाने से त्वचा


के तेल को कम कर देता है


 जामुन का के लिए काफी फायदेमंद है बीजों को पीसकर दूध मिलाकर पेस्ट बनाकर सोने से पहले चेहरे पर लगाएं ऐसा


कई दिनों तक करें जिससे चेहरा साफ हो जाएगा और चेहरे के दाग धब्बे दूर हो जाएंगे







 त्वचा रोगों में उपकारी


जामुन का उपयोग त्वचा रोगों में 2 तरीके से किया जा सकता है जामुन का रस ध्वजा पर लगाकर या पके जामुन के फलों


को खा कर फिर जामुन की छाल भी बहुत उपयोगी है या रक्त शोधन का काम करती है रक्त विकार के कारण ही त्वचा


रोग उत्पन्न होते हैं प्रतिदिन 1 से 200 ग्राम जामुन खाने से रक्त पूरी तरह साफ और स्वस्थ हो जाता



जामुन के फायदे अनीमिया के अंदर



जामुन हमारे शरीर के अंदर खून की कमी को दूर करते हैं यदि किसी व्यक्ति के अंदर


खून की कमी है तो उसे जामुन का सेवन करना चाहिए जामुन के अंदर कैल्शियम पोटेशियम आयरन पाए जाते हैं जो शरीर


की क्षमता को बढ़ाते हैं जिससे निमिया के अंदर बहुत फायदा मिलता है







जामुन के पत्ते मसूड़ों के लिए रामबाण है यदि आप के मसूड़ों से खून आता है तो जामुन की गुठली को पीसकर थोड़ा नमक


मिलाकर मसूड़ों पर लगाने से यह समस्या दूर हो जाती है यदि जामुन यदि मसूड़े सूज गए हैं या अन्य कोई समस्या है तो


आप जामुन के पत्तों को उबालकर उसका कुल्ला करने से मसूड़ों के रिग रोग मिट जाते हैं यदि मुंह के अंदर से दुर्गंध आती


है तो आपको जामुन के पत्ते चूसने चाहिए जिससे मुंह में से दुर्गंध आने बंद हो जाएगी








आजकल सभी को सभी को आंख संबंधी कुछ ना कुछ बीमारियां लगी ही रहती है आंख से संबंधित कई प्रकार के विकारों


में जामुन बहुत ही लाभप्रद होता है जामुन का फल प्रतिदिन खाएं या जामुन की हदीस 25 कोमल पत्तियों को 500 ग्राम पानी


में डालकर उबाल लें जब या डेढ़ सौ दो सौ ग्राम उबल कर रह जाए तब ठंडा कर अपनी आंखों को धो लें इससे बहुत ही


लाभ होगा







 
मोतियाबिंद रोग में जामुन के फायदे


 मोतियाबिंद की समस्या में जामुन की गुठली का चूर्ण शहद में मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बना लें गोली का वजन 5 ग्राम


तक रहे प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करें इसकी पत्तियों को पीसकर शहद में मिलाकर काजल की तरह लगाने से मोतियाबिंद


में लाभ मिलता है







 मुंह के छाले में जामुन के पत्तों का प्रयोग



 खानपान की गड़बड़ी से मुंह में छाले पड़ जाते हैं जामुन के पत्तों को उबालकर पानी में उबाल लें पानी से रोज दो-तीन बार


मुंह के छाले ठीक हो जाएंगे साथ ही गला में दर्द हो गया हो तब भी आप जामुन के फल का चूर्ण को शहद में मिलाकर


सेवन करें कम हो जाएगी







 जामुन का प्रयोग डायरिया में पेचिश में



 आजकल पिज़्ज़ा बर्गर मोमो चाइनीस फास्ट फूड का प्रयोग अधिकतर लोग करते हैं जिसके कारण पेट की बहुत सी


समस्याएं पैदा हो जाती है 25 या डायरिया उनमें से ही एक बहुत बड़ी समस्या है कभी-कभी तो मल के साथ खून भी जाने


लगता है जिससे खूनी पेचिश करते हैं तो नीचे लिखे गए तरीकों को आप आजमा सकते हैं


 10 मिलीलीटर जामुन के छाल का रस में समान मात्रा में बकरी का दूध मिलाकर किए थे जिसमें लाभ होगा


 जामुन पेड़ की छाल 5 ग्राम दो चम्मच मधु यार शहद 250 ग्राम दूध में मिलाकर पिए याद रहे दूध ठंडा हो 10 ग्राम जामुन


पेड़ की छाल को 500 ग्राम पानी में डालकर उबालें के डेढ़ सौ से 200 ग्राम पानी जब उबल कर रह जाए तब ठंडा करके


दो-तीन बार रोजाना पीएच की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा








 बवासीर पाइल्स के दर्द में उपयोगी



बवासीर पाइल्स का दर्द बहुत होता है मित्रों रहा हूं आप निम्नलिखित प्रयोग करें जो कि


मैंने किया था जामुन के कोमल पत्तों का रस निकालकर मिश्री के साथ सेवन करें डायबिटीज वाले मिस्त्री ना डालें


 जामुन गुठली के चूर्न को 250 ग्राम दूध में पीसकर मिलाकर 7 दिनों तक प्रतिदिन 2 बार सेवन करने से और खून बहने


की समस्या से छुटकारा मिल जाता है



घाव या अल्सर होने पर जामुन का प्रयोग


 जामुन की सूखी छाल को महीन पीसकर घाव पर क्लिक करें घाव तुरंत भर जाएंगे


 अगर घाव से पीलिया पस निकल रहा हो तो जामुन के 56 पत्तों को पीसकर घाव पर लगाएं दीवाना बंद हो जाएगा


 त्वचा जलने से जो सफेद दाग हो जाते हैं उसमें जामुन के पत्तों को पीसकर लगाने से सफेद दाग की सफेद रंग की त्वचा


अपने सामान्य रंग में आ जाती है


 जूतों के काटने से अगर जख्म हो गए हो तो जामुन की कच्ची गुठली को पीसकर लगाएं घाव जल्दी ठीक हो जाएंगे


 जामुन की डालियों को उबालकर इसके पानी से घाव को धोने पर घाव जल्दी ठीक होते हैं







जामुन के पत्ते मसूड़ों के लिए रामबाण है यदि आप के मसूड़ों से खून आता है तो जामुन की गुठली को पीसकर थोड़ा नमक


मिलाकर मसूड़ों पर लगाने से यह समस्या दूर हो जाती है यदि जामुन यदि मसूड़े सूज गए हैं या अन्य कोई समस्या है तो


आप जामुन के पत्तों को उबालकर उसका कुल्ला करने से मसूड़ों के रोग मिट जाते हैं यदि मुंह के अंदर से दुर्गंध आती


है तो आपको जामुन के पत्ते चूसने चाहिए जिससे मुंह में से दुर्गंध आने बंद हो जाएगी








  जामुन के फायदे ANIMIA


हमारे शरीर के अंदर खून की कमी को दूर करते हैं यदि किसी व्यक्ति के अंदर खून की कमी है तो उसे जामुन का सेवन


करना चाहिए जामुन के अंदर कैल्शियम पोटेशियम आयरन पाए जाते हैं जो शरीर की क्षमता को बढ़ाते हैं जिससे एनिमिया


के अंदर बहुत फायदा मिलता है



 जामुन का सिरका VINEGAR


मित्रों, जिस तरह जामुन का फल किस के पत्ते इसकी छाल इसके टहनियां बहुत फायदेमंद है उसी तरह जामुन का सिरका


भी फलों के गुणों से कम नहीं है


 जामुन का सिरका बनाने की विधि और इसके लाभ


 2 किलो जामुन में एक 100 ग्राम नमक मिलाकर इसे धूप में 1 सप्ताह के लिए रख दें सारा जामुन गल जाएगा उसके बाद


इसे साफ कपड़े से छान कर किसी कांच के बोतल में रख ले या सिरका जामुन के फल की तरह ही लाभदायक होता है


इसका प्रयोग आमाशय के शोधन प्रक्रिया को ठीक रखने में अनपच होने पर गैस अथवा गला जलने पर कृमि होने पर


पेशाब संबंधी बीमारियों का निदान करने में इसका उपयोग कर सकते हैं





 दोस्तों,


जहां जामुन अनेक प्रकार के बीमारियों में लाभदायक होता है वही इसके कुछ नुकसान भी हैं तो उनको जानना जरूरी है


  1 जामुन का फल का सेवन सीमित मात्रा में एक 100 या 200 ग्राम में करना चाहिए अधिक मात्रा में खाने से पेट या


फेफड़ों को नुकसान कर सकता है


2 जामुन की तासीर ठंडी होती है अधिक मात्रा में खाने से खांसी हो सकती है या बुखार भी हो सकता है


 3 सर्जरी ऑपरेशन हुए लोगों को जामुन नहीं खाना चाहिए


 4 जामुन को कभी भी खाली पेट नहीं खाना चाहिए


 5 जामुन खा कर पानी नहीं पीना चाहिए




 6 जामुन खाने के 1 घंटे या 2 घंटे पहले या बाद में दूध नहीं पीना चाहिए इससे हैजा होने की संभावना होती है




 7 जामुन के दाग बहुत पक्के होते हैं इसलिए इसको खाते समय सावधानी बरतनी चाहिए कपड़े पर से दाग लग जाने पर


छूटने की संभावना कम ही होती है


 तो इस तरह मित्रों आपने पढ़ा कि जामुन के इतने सारे गुण हैं प्रयोग कर स्वस्थ रह सकते हैं वैसे तो इसके और भी बहुत सारे उपयोग हैं और उन्हें इसके बारे में पूरी चर्चा करना यहां असंभव है थोड़ा प्रयास मैंने किया है उम्मीद है आपको मेरा यह लेख पसंद आया होगा मुझे अवश्य सूचित करेंगे MULTI TECHNO MADAN ब्लॉग पर आने के लिए बहुत-बहुत आपका धन्यवाद


 DISCLAIMER


लिखी गई विधियां गूगल एवं अन्य स्त्रोतों से ली गई हैं हमारा BLOG ना कोई चिकित्सा परामर्श देता है ना ही कोई तरह की चिकित्सा करता है इसमें लिखा हर शब्द केवल जानकारी वृद्धि के लिए है पाठक अपने विवेक के अनुसार प्रयोग करें इसके लिए किसी भी तरह के नुकसान का दायित्व हम पर नहीं हम नहीं लेते हैं या पूर्ण रूप से प्रयोग करने वाले के ऊपर निर्भर करता है यही उनका ही दायित्व है


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