लहसुन दुनिया की सर्वोत्तम जड़ी बूटी

लहसुन के बारे में तथ्य वानस्पतिक नाम एलियम  सैतिवूम 

लहसुन के रूप में जाना जाने वाला एलियम सैटिवम (लिलिएसी) कजाकिस्तानउज्बेकिस्तान और पश्चिमी चीन  में   पैदा होने वाली एक सुगंधित फसल है।  लहसुन का  घरेलूकरण बहुत पहले किया गया था और प्राचीन मिस्रग्रीकभारतीय और चीनी लेखन में इसका उल्लेख है।

 लहसुन पूरे विश्व में समशीतोष्ण और उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में  इसकी खेती की जाती हैऔर कई खेती अलग-अलग जलवायु के अनुरूप विकसित की गई है।

लहसुन , प्याज के बाद सबसे व्यापक रूप से खाया जाने वाला  पदार्थ  है , लगभग 10 मिलियन टन लहसुन का उत्पादन हर साल चीनकोरियाभारतअमेरिकास्पेनमिस्र और तुर्की  में किया जाता है

   लहसुन व्यापक रूप से दुनिया भर में एक दवा के रूप में उपयोग किया जाता है और इसे एक कामोद्दीपक के रूप में माना जाता है। 

भारत मेंलहसुन का उपयोग खांसी और बुखार जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है या बाहरी रूप से बालों के भूरेपन को रोकने के लिए और त्वचा की स्थिति में सुधार के लिए किया जाता हैजैसे एक्जिमा और खुजली के साथ-साथ टेटनस और फेफड़ों की सूजन का इलाज करने के लिए  किया जाता  है 

पाकिस्तान मेंलहसुन का अर्क पारंपरिक रूप से पेट को व्यवस्थित करनेखांसी का इलाज करने और बुखार को कम करने के लिए लिया जाता है , कृमि नाशक  के रूप में  भी इसका उपयोग  होता है 

 नेपालपूर्वी एशिया और मध्य पूर्व में,  लहसुन  का उपयोग बुखारमधुमेहगठियाआंतों के कीड़ेपेट का दर्दपेट फूलनापेचिशयकृत विकारतपेदिकचेहरे का पक्षाघातउच्च रक्तचाप और ब्रोंकाइटिस सहित कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है।

 अफ्रीका मेंलहसुन को एक एंटीबायोटिक के रूप में प्रयोग किया जाता हैऔर यह रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को कम करने और थाइबस अनुपात को बाधित करने के लिए एक प्रतिष्ठा है।




स्वास्थ्यवर्धक और औषधीय गुणों के कारण भोजन में लहसुन का उपयोग किया जाता है इससे खाने का स्वाद बढ़ जाता है भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में व्यंजनों को एक अलग स्वाद देने के लिए तरह-तरह से लहसुन का इस्तेमाल किया जाता है लहसुन मूल रूप से  मध्य  एशिया  से  है लेकिन इसका इतिहास काफी प्राचीन और विशाल है खेती की जाने वाली सबसे पुरानी फसलों में लहसुन का नाम भी शामिल है प्राचीन भारत में लहसुन का इस्तेमाल औषधीय और भूख बढ़ाने वाले पदार्थ फायदों के लिए किया जाता था आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि ग्रीस में कुछ देवताओं के लिए लहसुन को उपयुक्त प्रसाद माना जाता था इतिहासकारों के अनुसार कई वर्षों पूर्व ओलंपिक खिलाड़ी अपने प्रदर्शन बेहतर करने के लिए लहसुन का उपयोग करते थे इजराइल कई देशों में लहसुन के औषधीय गुणों के लिए माना जाता है लहसुन को प्राकृतिक  औषधि  भी कहा जाता है 

 पांच  गुण  लहसुन में मौजूद है नमकीन मीठा कड़वा  और कसैला होता है इसमें सिर्फ खट्टा स्वाद नहीं मिलता है

मसाला या मसाले के रूप में अपने तीखे स्वाद के लिए लहसुन का दुनिया भर में व्यापक उपयोग किया जाता है लहसुन के पौधे का बल्ब  सबसे अधिक में इस्तेमाल किया जाने वाला हिस्सा है लहसुन का उपयोग औषधीय परियोजनाओं के लिए किया जाता है उसके पास एक विशिष्ट दिखा मसालेदार स्वाद है जो खाना पकाने के साथ बहुत मीठा और मीठा होता है लहसुन के पौधे के अन्य खाद्य होते हैं पत्तियों और फूलों और को भी खाया जाता है दक्षिण पूर्व एशियाई देश यानी वियतनाम थाईलैंड कंबोडिया सिंगापुर और चीनी रसोई में पाया जाता है कम कीमत वाला होता है 

लहसुन का उपयोग भोजन में  मसाले के रूप में और हजारों वर्षों से औषधीय जड़ी बूटी के रूप में किया जाता रहा है।  लहसुन की अनूठी स्वाद और सुगंध ने कई चिकित्सा स्थितियों के इलाज के लिए अनगिनत  रसोईघर  के व्यंजनों और उपचारों को प्रेरित किया है। लहसुन की संवेदी विशेषताएं इसकी उल्लेखनीय सल्फर रसायन विज्ञान पर आधारित हैं, एक जैव रासायनिक प्रणाली है जो आगे की प्रक्रिया के साथ सल्फर यौगिकों के विस्तार  सारणी प्रदान करती है। आधुनिक विज्ञान के आगमन के साथ, मानव रोगों के इलाज के लिए लहसुन और लहसुन की तैयारी की उपयोगिता की  शोध की जा रही है। लहसुन के यौगिक कुछ मानवीय स्थितियों, विशेष रूप से कैंसर और हृदय रोग  बहुत ही लाभकारी  हैं 

 मानव स्वास्थ्य में लहसुन  का  प्रयोग  और  फायदे :

1. मधुमेह   में  लाभकारी 




लहसुन (Allium sativum ) एक मूल्यवान मसाला और विभिन्न बीमारियों और शारीरिक विकारों के लिए एक लोकप्रिय उपाय है।  लहसुन में कम से कम 33 सल्फर यौगिक, कई एंजाइम, 17 अमीनो एसिड और सेलेनियम जैसे खनिज शामिल हैं। लहसुन इंसुलिन संवेदनशीलता, ग्लूकोज सहिष्णुता, इंसुलिन स्राव और बेहतर ग्लूकोज उपयोग के माध्यम से ग्लाइसेमिया को नियंत्रित करता है।


2. उच्च  रक्तचाप  में उपयोगी 

 लहसुन के तेल कोलेस्ट्रॉल  नियंत्रण  के  प्रबल  रसायन है  लहसुन ऊंचा सिस्टोलिक रक्तचाप (एसबीपी) के साथ रोगियों में रक्तचाप में  अनूठे  यौगिकों के साथ जुड़ा हुआ है लहसुन के विभिन्न रूपों ने स्वास्थ्य-वर्धक प्रभाव दिखाए हैं - ताजे लहसुन, पके हुए लहसुन, लहसुन के तेल, लहसुन पाउडर से लेकर सूखे लहसुन  तक। सूखे  लहसुन  पर 250 से अधिक अध्ययन किए गए हैं। लहसुन के चूर्ण पर कुछ  ​​अध्ययन किए गए हैं जिन्होंने सकारात्मक और  अद्नभुत  प्रभाव  दिखाया है। इस प्रकार, लहसुन पाउडर की प्रभावशीलता, विशेष रूप से कोलेस्ट्रॉल में कमी के संबंध में   काफी   प्रभावशाली  है 

3. पाचन प्रक्रिया में लाभकारी 

यह औषधीय जड़ी बूटी प्रभावी रूप से सीटीएटी हार्मोन को नियंत्रित करती है जो आपके पेट को लंबे समय तक भरा रखता है इसका मतलब है कि लहसुन खाने से आपकी भूख कम लगती है जिससे आप स्वास्थ्य के लिए हानिकारक  फ़ास्केट फ़ूड  के  साथ-साथ अत्यधिक खाने से भी बच सकते हैं यह चीनी और फास्ट फूड की इच्छा को भी महत्वपूर्ण रूप से कम कर देता है 

लहसुन की कलियों को कुचल कर लौंग , पानी ,या , दूध  में मिला कर लेने से पाचन के  सभी  विकारों  की  समस्या  से छुटकारा  पाया जा सकता है  लहसुन की कलियों को कुचल कर पानी या दूध में डाला जाता है  तो  एक विशेष  प्रकार का  यौगिक  उत्पन्न  होता  है जो की  आमाशय  के पाचन ग्रंथियों  को सक्रिय  कर देता  है 

पाचन शक्ति को बढ़ाने के लिए पेट के कार्यों को नियंत्रित करता है पाचन तंत्र के लिए सबसे फायदेमंद खाद्य पदार्थों में से एक लहसुन लाभकारी प्रभाव डालता है साथ ही शरीर में मौजूद घातक  द्रव्यों को समाप्त करने  में सहायता करता है , 

4. वज़न कम करने में सहायक 

लहसुन का नियमित सेवन आपके शरीर को नो रेपीने प्राइम बनाने में मदद करता है जो शरीर की गतिविधि को बढ़ाने के लिए एक जिम्मेदार न्यूरोट्रांसमीटर है जिससे रोजाना खाने से शरीर में इकट्ठे  वसा  को तोड़ने वाली प्रक्रिया में मदद मिलती है अगर आप लहसुन का उपयोग वजन कम करने के लिए करने जा रहे हैं तो इस को खाली पेट लेना सबसे अच्छा तरीका है यह तरीका लहसुन  को  वजन कम करने का सबसे अच्छा घरेलू उपाय माना जाता है

5. कैंसर  विरोधी  अद्भुत  गुण 

 लहसुन में कैंसर विरोधी गुण पाया जाता है विशेष रूप से यह कैंसर के ट्यूमर में खून को जाने से रोकता है लहसुन पेट गैस्ट्रिक और विशेष रूप से लाभदायक होता है उस पर भी रोक लगाता है और  ट्यूमर  के आकार को कम करने में मदद करता है , कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने की प्रगति को धीमा कर देती है जिन लोगों के परिवार में कैंसर का कोई पीड़ित व्यक्ति रहता है तो उन्हें कई प्रकार के कैंसर के खतरे को कम करने के लिए लहसुन का नियमित सेवन अवश्य करना चाहिए

 लहसुन में पाए जाने वाले  रासायनिक यौगिकों को संभावित एजेंट बताया गया है जो लहसुन को काटने पर उत्पादित होता है , लहसुन  एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर को कम करने में निश्चित रूप से विशेष रूप से बैक्टीरिया  अमीबा के संक्रमण को रोकने के लिए एक बहुत ही मजबूत प्राकृतिक हथियार है

6. मुंह के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद 




 इस में पाए जाने वाला एलीसिन खराब बैक्टीरिया को रोकता है जो मुंह में बढ़ने से दांत खराब होने का कारण बनते हैं लहसुन का उपयोग  घातक बैक्टीरिया  नियंत्रित करके और अच्छे  बैक्टीरिया  को  बढ़ावा देने में मसूड़ों की बीमारी से लड़ने में मदद  करता  है 

 दांत दर्द से तत्काल राहत पाने के लिए आपको बस  लहसुन का एक टुकड़ा प्रभावित दांत पर उसके आसपास मलने से दांत  का  दर्द चला जाता है 

लहसुन में शक्तिशाली एंटीफंगल कवक विरोधी गुण पाए जाते हैं जो फंगल संक्रमण से लड़ने में सहायता करते हैं फंगल इनफेक्शन दाद का एक प्रमुख कारण बन सकता है लहसुन कैंडिडा से लड़ने की मदद करता है कवक संक्रमण को मात देने के लिए प्रभावित क्षेत्रों पर लहसुन का जेल या तेल लगाएं मुंह के छाले से पीड़ित होने पर प्रभावित क्षेत्रों पर लहसुन का पेस्ट लगाएं अपने आहार में कच्चे लहसुन को शामिल करें

7. सर्दी  और खांसी में  प्रभावकारी 

लहसुन खाने से सर्दी खांसी और जुकाम से बचे रह सकते हैं दरअसल लहसुन में एंटीबायोटिक  और  एंटीवायरल  गुण पाए जाते हैं कि हमारे शरीर को होने वाली बीमारियों से बचाए रखने में मदद करता है

 लहसुन को सर्दी और खांसी के उपचार  में सहायता  देती है इससे उनकी गंभीरता भी कम हो सकती है  लहसुन एंटी वायरल  और एंटी बायोटिक  होने  के कारण  सर्दी  और खांसी  के  कीटाणु को ख़त्म  करने  में सक्षम  है यह खांसी सम्बंधित  कफ निस्सारक को  बढा  देता है  लहसुन  अलेर्जी  वाले कोशिकाओं  पर हमला करके  और रक्त प्रवाह  को नियंत्रित करके  रोगाणुओं  को  समाप्त  कर देता है , लहसुन  , अलेर्जिक  रायनैतिस  के कारण हुई वायुमार्ग  के सुजान को कम करने में सकारात्मक  प्रभाव  दिखाता  है 

इसके अलावा लहसुन अस्थमा ब्रोंकाइटिस जैसे विभिन्न स्थितियों के इलाज में अत्यंत लाभकारी है 






8. गठिया  के दर्द  में लहसुन  के लाभ 

लहसुन ऐसा हर्बल  पौधा है कई स्वास्थ्य स्थितियों के लिए इसका उपयोग किया गया है रूमेटाइड गठिया के इलाज में यह विशेष लाभदायक साबित होता है संधि शोथ वाले लोगों के दर्द और अन्य लक्षणों को कम करने के लिए लहसुन प्रभावी उपाय है इसमें निहित एंटीऑक्सीडेंट anti-inflammatory गठिया के विभिन्न रूपों से जुड़ी सूजन को कम करने में मदद करते हैं गठिया के कारण सूजन और जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए अपने नियमित आहार में शामिल करें इसका सेवन खाली पेट करें एक ऐसी बीमारी है जीवन के किसी भी आचरण में प्रभावित कर सकती है  गठिया के दर्द और सूजन के लिए आधारित उपाय है


9. ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने के लिए लहसुन लाभदायक

अगर शरीर में एनजीओ टेशन कन्वर्टिंग एंजाइम या एशियाई कन्वर्टिंग एंजाइम और एसी नामक एंजाइम का उत्पादन बढ़ जाए तो इससे बीपी बढ़ जाता है कई अंग्रेजी दवाइयां इस एंजाइम को रोकने का काम करती है लेकिन उसके कई दुष्प्रभाव भी होते हैं लहसुन में गामा ग्लूटामिल सिस्टम एक प्राकृतिक होता है या रसायन होने की वजह से लहसुन धमनियों को चौड़ा करता है जिससे हाई बीपी नियंत्रित हो जाता है लहसुन उच्च रक्तचाप को कम कर सकता है विशेष रूप से सिस्टल रक्तचाप ,उच्च रक्तचाप में पीड़ित लोगों को रोजाना कुछ लहसुन की कलियों को खाली पेट खाना चाहिए अगर आपको लहसुन का स्वाद पसंद नहीं है इसे खाने के बाद एक गिलास दूध पी सकते हैं आप लहसुन के  अन्य रूपों  की खुराक भी ले सकते हैं|

10. ह्रदय  रोग में  उपयोगी 

लहसुन दिल से संबंधित समस्याओं को भी दूर करता है

 लहसुन  को स्वास्थ्य के लिए आहार माना जाता है रक्त परिसंचरण में सुधार लाने कोलेस्ट्रोल को कम करने और हृदय रोग को रोकने में मदद मिलती है एथेरोसिलेरोसिस  धमनियों के सख्त होने की गति को धीमा कर देता है यह दिल के दौरे , हार्स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में सहायक है लहसुन और शहद के मिश्रण को खाने से दिल तक जाने वाली धमनियों में जमी वसा निकल जाती है जिससे  ब्लड सरकुलेशन ठीक हो जाता है  लहसुन खाने से कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी आती है




 तीखी गंध वाला लहसुन आर्थराइटिस ड्रॉप्सी इन्फ्लूएंजा और टीवी से लेकर कई प्रकार की बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होता है कुछ लोग स्वस्थ रहने के लिए रोज एक लहसुन की एक कली खाने की सलाह देते हैं

 पेट से जुड़ी बीमारियों जैसे डायरिया और कब्ज की रोकथाम में लहसुन बेहद उपयोगी है पानी में उबालकर उसमें लहसुन की कलियां डाल दें खाली पेट पानी पीने से डायरिया से आराम मिलेगा 




11. लहसून  प्रतिरक्षा  प्रणाली  को करे मज़बूत 

हाई कोलेस्ट्रॉल विभिन्न प्रकार की चिकित्सा समस्याओं में मदद कर सकता है इसका कारण यह है कि इस में   अलिसिन होता है  इसमें विटामिन सी विटामिन बी और विटामिन  ई होता है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद करते हैं 

 लहसुन में शरीर के विषाक्त पदार्थों को साफ करने का गुण होता है साथ में मौजूद बैक्टीरिया को भी दूर करने में मददगार होता है खासतौर पर जब इसे खाली पेट खाया जाए खाली पेट लहसुन का सेवन करने से समस्या दूर हो जाती है 

12. कवक संक्रमण  का  प्रमुख  घटक  लहसुन 

लहसुन में शक्तिशाली एंटी फंगल  गुण  पाए जाते हैं  जो फंगल  संक्रमण को  समाप्त  करने की  क्षमता  रखते हैं , लहसुन कन्दिदा  से बचाता है , कवक  संक्रमण से बचाव के लिए ;-

डैड खज़ खुजली  प्रभावित  क्षेत्रों  पर लहसुन का तेल प्रयोग  करें 

मुंह में छले होने पर  लहसुन  के पेस्ट का उपयोग करें 

आहार में ताज़ा कच्चे  लहसुन का  प्रयोग करें 




लहसुन  के  प्रयोग की मात्रा 

च्चा लहसुन 1-2 लौंग (300-600 मिलीग्राम)

लहसुन का तेल 2-5 मिलीग्राम

लहसुन पाउडर 600-900 मिलीग्राम

1000-7200 मिलीग्राम (सूखे रूप में)


लहसुन की संरचना 

प्रीति एक सौ ग्राम लहसुन में कच्चे लहसुन में 149 किलो कैलोरी ऊर्जा होती है

 कार्बोहाइड्रेट 33 पॉइंट जीरो 6 ग्राम होता है

 शुगर 1 ग्राम होता है

 फाइबर 2.1 ग्राम

 प्रोटीन सिक्स पॉइंट 36 ग्राम

 विटामिन

 यामीन b1 0.2 मिलीग्राम

 राइबोफ्लेविन B2 0.2 1 मिलीग्राम

 नियासिन V3 0.7 मिलीग्राम

 पैंटोथैनिक एसिड 205 0.5 मिलीग्राम

 विटामिन बी सिक्स 1.23 50 मिलीग्राम

फोलेट बिनाइन  3 माइक्रोग्राम

 चोलिन चोलिन 23.2 मिलीग्राम

 विटामिन सी 31.2 मिलीग्राम

 कैल्शियम 1 मिलीग्राम 1 मिलीग्राम आयरन 1.7 मिलीग्राम

 मैग्नीशियम 25 मिलीग्राम

 मैग्नीज 1.62 मिलीग्राम

 फास्फोरस 150 मिलीग्राम

 पोटेशियम 401 मिलीग्राम

 सोडियम 17 मिलीग्राम

 जिंक 1.16 मिलीग्राम

 वाटर 15 मिलीग्राम

 सेलेनियम 4.2 माइक्रोग्राम कार्बोहाइड्रेट 3% तीन परसेंट तीन परसेंट 

लहसुन  के  प्रयोग  में  सावधानी 

लहसुन दुनिया की सर्वोत्तम जड़ी बूटी तो  निस्संदेह  है  किन्तु  इसके प्रयोग के कुछ दुष्प्रभाव  भी हैं , जिनके बारे में आपको जानकारी होनी अति आवश्यक है , लहसुन का  विपरीत  प्रभाव  नीचे दिए गये  वाक्यों को ध्यान से पढ़ें :-

  लहसुन का सेवन कम मात्रा में किया जाए तब तक सब कुछ ठीक है लेकिन बहुत अधिक लहसुन का सेवन हमारे शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है लहसुन का अधिक मात्रा में सांस में बदबू पेट या सीने में जलन या उल्टी का कारण बन सकता है

लहसुन का लीवर पर असर पड़ता है लहसुन का सेवन करने से लीवर में समस्या होने के डर रहती है इसलिए लीवर के मरीज़ इसका  सेवन अपने  डॉक्टर  से सलाह  लिए बिना मत करें 

लहसुन में रक्त को पतला  कने के यौगिक होते है अतः सर्जरी  या  ओप्रशन  के समय इसका उपयोग न करें 

लहसुन  का उपयोग पेट फूलना , गैस , ख़राब  पेट , गन्दी साँस , शारीर की दुर्गन्ध , पाचन की समस्या  इत्यादी  नहीं करना चाहिए 

लहसुन  या इसके  पूरक , सप्लीमेंट  का उपयोग गर्भवती  महिलाओं  को नहीं करा  सकते 

लहसुन  वोतरिन , अन्तिप्लातेलेत , सक्विनाविर , एंटी हाइपर तेंसिवे . कैल्शियम चैनल  ब्रोकर , एंटी बायोटिक  दवाओं  में  बाधा  उत्पन्न  करता है , इसलिए उपरोक्त  किसी  समस्या  से ग्रस्त होने पर बिना  डॉक्टर के परामर्श के  लहसुन  या  इसके सुप्लिमेंट  का उपयोग न करें 

डिस्क्लेमर 

उपरोक्त  दी  गई जानकारी  और लेख  केवल  शैक्षिक  उद्देश्यों  के लिए है .यहाँ पर दी गई किसी भी स्वाश्थ्य सम्बन्धी समस्या  या बीमारी  के निदान  या उपचार हेतु बिना  किसी डॉक्टर या  हर्बल  विशेषज्ञ  की सलाह के बिना नहीं जाना  चाहिए . किसी भी प्रकार के  अहित  की  दायित्व  हम नहीं लेते  हैं , किसी भी विधि का  प्रयोग  करने से  पूर्व  डॉक्टर से सलाह -मशवरा  कर लें